Haryana : जानिए कौन से अधिकारियों की तबादले की लिस्ट तैयार कर रहे हैं सीएम नायब सैनी
सत्य खबर, चण्डीगढ़ ।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में गड़बड़ करने वाले अधिकारियों पर सरकार जल्द ही एक्शन ले सकती है। शुरुआत जिलों के एसपी और डीसी के तबादलों से होगी। बदलाव के मूड में दिख रही प्रदेश की नई सरकार दिवाली के बाद यह कार्रवाई कर सकती है।
सूत्र बताते हैं कि इसको लेकर सीएम नायब सैनी की निगरानी में सूची तैयार हो रही है। इसके अलावा 31 अक्टूबर को ही मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद भी रिटायर्ड हो रहे हैं। ऐसे में उनके जाने के बाद अफसरशाही में बदलाव होने की पूरी संभावना है।
सूत्रों ने यह भी बताया है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार को कई अफसरों व कर्मचारियों की ओर से चुनाव में गड़बड़ करने की सूचना मिली थी। इनमें कई जिलों के डीसी , एसपी , एसडीएम और डीएसपी रैंक तक के अधिकारी शामिल थे।
इतना ही नहीं चुनाव में इन्होंने दूसरे दलों के नेताओं को लाभ पहुंचाने की कोशिश भी की थी। सरकार के पास विधायकों व जिलाध्यक्षों के जरिए ऐसे अफसरों व कर्मचारियों की एक-एक रिपोर्ट पहुंच चुकी है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही अब तबादले की सूची तैयार की जा रही है।
3 दिन पहले पंचायती विकास मंत्री कृष्णलाल पंवार ने कहा था कि हरियाणा में 8 अक्टूबर को मतगणना से पहले ही अधिकारी पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के पास माथा टेकने पहुंच गए थे। वहां भाजपा के खिलाफ रणनीति तक बनाई गई थी।
पंवार ने दावा किया था कि यह मीटिंग दिन में नहीं, बल्कि रात के अंधेरे में हुई थी। साथ ही उन्होंने कहा था- इनके नाम अब सीएम नायब सैनी के पास पहुंच गए हैं। उन पर जल्द गाज गिर सकती है।
इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को मैसेज देते हुए कहा था कि अधिकारी अब नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं। वह भी सरकार का हिस्सा हैं। वह निष्ठा से काम करें। अधिकारी दिमाग से यह बात निकाल दें कि भविष्य में कांग्रेस की सरकार आएगी। जिस तरह गुजरात में 5 बार भाजपा की सरकार बनी, उसी तरह हरियाणा में भी आगे 2 बार बीजेपी की सरकार ही आएगी।
इससे पहले बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विज कह चुके हैं कि अधिकारियों ने उनकी हत्या की साजिश रची थी। विज ने सीधे डीसी पार्थ गुप्ता पर आरोप जड़े थे। विज ने कहा था- मुझे 2 जगह जनसभा करने जाना था। मुझे लगता है कि वहां मुझे मरवाने की साजिश थी, ताकि मैं अंबाला कैंट से 6 बार चुनाव जीतकर 7वीं बार चुनाव हार जाऊं।
विज ने डीसी से पूछा था कि उनका जिन 2 जगहों पर विरोध हुआ, वहां क्या कार्रवाई की? प्रशासन को विरोध की पुख्ता जानकारी थी तो फिर सुरक्षा के बंदोबस्त क्यों नहीं किए गए? विज ने यह भी कहा था कि जैसे ही 8 अक्टूबर को उन्हें लीड मिलनी शुरू हुई तो डीसी वहां से गायब हो गए।
शिक्षा मंत्री ने 15 दिन पहले ही बता दिया था
पानीपत ग्रामीण सीट से निर्वाचित बीजेपी विधायक महिपाल ढांडा ने प्रशासनिक अधिकारियों को 15 दिन पहले ही कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी। विधायक ने यह चेतावनी उन अधिकारियों को दी थी, जिन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की मदद की।
मीडिया से बात करते हुए महिपाल ढांडा ने कहा था- प्रशासन में कुछ लोग तेवर बदल रहे थे। कुछ अधिकारी भी तेवर बदल रहे थे। मैं 15 साल में पहली बार बोल रहा हूं- बख्शेंगे नहीं, जिन लोगों ने चीटिंग की है, बदतमीजी की है, बेईमानी की है। ऐसे लोग टिप्स पर हैं।
महिपाल ढांडा यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा- उन्हें (अधिकारियों को) लगता था कि कांग्रेस की सरकार आ रही है, इसलिए पानी भरने चले गए थे। पानी भरने वालों… बख्शेंगे नहीं तुम्हें, ध्यान रखना।